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August 7, 2017
Monday, August 07, 2017

देशभक्तों की धरती गांव धांगड़ का इतिहास- पार्ट 2

स्वाधीनता संग्राम की पृष्ठभूमि 


‌अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1857 की पलासी की लडाई के बाद पहली बार बंगाल में मालिया उगाही के अधिकार प्राप्त कर लिए थे और उसके बाद धीरे-धीरे अगले सौ वर्ष में झूठ, फरेब, विश्वासघात और धोखाधड़ी के द्वारा देश की कई रियासतों पर अधिकार जमा लिया। 1803 में मराठों की हार के बाद देश की राजधानी दिल्ली पर ईस्ट इंडिया कंपनी का नियंत्रण हो गया और मुगल बादशाह कंपनी के पेंशनदार बनकर लाल किले तक किले तक सीमित हो कर रह गया। मराठों तथा राजा भरतपुर के खिलाफ युद्ध में अंग्रेजो की मदद के बदले इनाम के तौर पर हांसी, हिसार, फतेहाबाद तथा सिरसा के क्षेत्र के जेम्स  स्किनर को दे दिए गए थे।
Source: wikipedia  

1911 में हांसी में स्किनर को 'स्किनर होर्सिस' का कमांडर बनाकर यहां पर स्किनर जागीर स्थापित कर दी गई थी, जिसका मुख्यालय हांसी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर कचहरी के सम्मुख आज भी मौजूद है।

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