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August 7, 2017
Monday, August 07, 2017

देशभक्तों की धरती गांव धांगड़ का इतिहास- पार्ट 1

देशभक्तों की धरती गांव धांगड़ का इतिहास

‌1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में हरियाणा के मंगाली, रुहनात, पूठी मंगलखां, ओढां, छतरिया रूपड़का, लिवासपुर तथा नसीबपुर जैसे गांव का योगदान देश भक्तों के बलिदान की अमर कहानी कहता है। हर भारतवासी उन शहीदों की याद में हमेशा नतमस्तक रहेगा। 
Dhanger
Dhanger Heritage 

उपरोक्त श्रृंखला में ही फतेहाबाद जिला के गांव धांगड़ का जंग-ए-आजादी में शौर्य पुर्ण इतिहास रहा है। एक ही गांव के 14 स्वाधीनता सेनानियों ने 1931-32 के सिविल नाफरमानी और नमक सत्याग्रह के बाद बाद 1942 के ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल यात्रा की। स्वाधीनता संघर्ष में अभूतपूर्व भागीदारी के इलावा जागीरदारी व्यवस्था के खिलाफ देशव्यापी किसान आंदोलन में गांव धांगड़ की भूमिका भी काबिलेगौर रही है।

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